1947 अंग्रेजों ने भारत छोड़ा नहीं परन्तु उन्हें छोड़ना पड़ा. और छोड़ने का दुःख इतना घना था कि जाते-जाते ... 1947 अंग्रेजों ने भारत छोड़ा नहीं परन्तु उन्हें छोड़ना पड़ा. और छोड़ने का दुःख इतना ...
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।
दो बूँद दो बूँद
ये हसीँ बरसात की घड़ी दो घड़ी, प्यार की सौगात की घड़ी दो घड़ी। ये हसीँ बरसात की घड़ी दो घड़ी, प्यार की सौगात की घड़ी दो घड़ी।
एक नयी कभी पुरानी सी, ढूंढता रहा हूँ उस तलाश को, पाके उसे खुश था पल दो पल , फिर आँखो एक नयी कभी पुरानी सी, ढूंढता रहा हूँ उस तलाश को, पाके उसे खुश था पल दो पल ...
आखिर ये कब तक आज बस दो शब्द। आखिर ये कब तक आज बस दो शब्द।